फूफा का शव दिल्ली से मऊ ले जाते वक्त रोड हादसे में भतीजे की मौत
अलीगढ़ के टप्पल से उस समय एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. जब एक 27 साल का युवक अच्छे लाल अपने फूफा का शव एंबुलेंस से लेकर गृहनगर मऊ जा रहा था.तभी रास्ते में अचानक से एंबुलेंस अलीगढ़ के टप्पल में खराब हो गई. और वो एंबुलेंस से उतरकर उसे ठीक करने की कोशिश करने लगा. इस दौरान पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार ट्रक ने एंबुलेंस को टक्कर मार दी जिसकी चपटे में आकर अच्छे लाल गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसके बाद अच्छे लाल को आनन-फानन में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. जहां अगले दिन 20 जून को ही अच्छेलाल ने दम तोड़ दिया.
मऊ जिले का रहने वाला था अच्छेलाल
अच्छेलाल, गांव चकेश्वर थाना दोहरीघाट जिला मऊ उत्तर प्रदेश के रहने वाले है, तथा वो एक छोटी-मोटी नौकरी बल्लभगढ़ में करते था. अच्छेलाल के निधन की सूचना मिलते ही एम्स में कार्यरत संतदेव चौहान मौके पर पहुंचे. और उन्होंने तुरंत अच्छेलाल का शव उनके घर भेजवाने का प्रबंध अपने खर्चे से कर दिया.
उधर अभी अच्छेलाल के रिश्तेदार उसके फूफा केशव चंद की मौत से सदमे में ही थे. कि अच्छेलाल के देहांत ने सभी रिश्तेदारों को झकझोर दिया. इस घटना के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा है.
सामाजिक कार्यकर्ता संतदेव चौहान ने की मदद
संतेदव चौहान एक फिर जरूरतमंदों के लिए आगे आए हैं. वो पहले भी कई गरीब और मजबूर परिवारों की मदद करे चुके हैं.
मऊ जिले के दोहरीघाट के रहने वाले संतदेव दिल्ली एम्स में कार्यरत हैं. और उन्होंने अपने खर्चें से हजारों परिवारों की कई बार मदद की है.
कोरोना काल में भी कर चुके हैं मदद
सामाजिक कार्यकर्ता निर्स्वाथ रूप से समाज की मदद के लिए आगे आते रहते हैं. उन्हें लोगों की मदद करना अच्छा लगता है. उन्होंने कोराना काल में भी अपनी सैलरी का आधा हिस्सा एक साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राहत कोष में जमा करवाया था. ताकि जरूरतमंदों की मदद हो सके.
संतदेव चौहान ने अच्छेलाल के परिजनों से फोन पर भी बात की और उनके परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.संडे

