दिल्ली: समाजसेवी और AIIMS कर्मचारी संतदेव चौहान एक बार फिर गरीबों के मसीहा साबित हुए हैं, एम्स नई दिल्ली में तैनात सुरक्षा गार्ड दीपक त्रिपाठी की शुक्रवार को सुबह मौत हो गई, उनके निधन की जानकारी मिलने के बाद AIIMS कर्मचारी संतदेव चौहान तुरंत दिल्ली एम्स पहुंचे और उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया।
एम्स सुरक्षा गार्ड दीपक त्रिपाठी की मौत के बाद AIIMS कर्मचारी संतदेव चौहान बेहद भावुक हो गए, उन्होंने संकट की इस घड़ी में अपने निजी खर्चे से मृतक का पार्थिव शरीर 700 किलोमीटर दूर दिल्ली से प्रयागराज उसके घर पहुंचाने की जिम्मेदारी ली, इस अतुलनीय कार्य के लिए मृतक दीपक त्रिपाठी के परिजनों ने संत देव चौहान की सराहना की।
ऐसा पहली बार नहीं है जब संत देव चौहान समय और पैसे की परवाह किए बिना गरीब और जरूरतमंद परिवारों की मदद की हो…इससे पहले भी वो कई बार दूर दराज के कई शवों को उनके घर पहुंचा चुके हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश प्रयागराज के रहने वाले दीपक त्रिपाठी की शुक्रवार 10 जनवरी 2025 को सुबह नहाने के बाद कपड़ा पहनते हुए अचनाक मौत हो गई। उनकी मौत की खबर सुनते ही एम्स के कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी, लेकिन इस दुख की खड़ी में मृतक परिवार की मदद के लिए AIIMS कर्मचारी संतदेव चौहान सबसे आगे आए। साथ ही एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने भी आपातकालीन में जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की, उन्होंने मृतक पत्नी को एम्स में गार्ड की नौकरी का ऑफऱ भी दिया और कहा कि अगर वो काम करना चाहें तो हम उन्हें एम्स में गार्ड की नौकरी दिलवाएंगे।
भाग-दौड़ की इस जिंदगी जब लोगों को अपने लिए वक्त नहीं मिलता, ऐसे में समाजसेवी संत देव चौहान जो खुद दिव्यांग हैं लेकिन उन्होंने गरीबों की मदद के आगे कभी अपनी दिव्यांगता को आगे नहीं आने दी। वो हर समय बुलंद हौसल के दम पर हर जरूरतमंद की मदद करते हैं, यही वजह है कि अब उनकी पहचान ‘एम्स के मसीहा संत देव चौहान’ के रूप में हो गई है।

